राजधानी में अभी भी किराये की इमारतों में चल रहे हैं 12 पुलिस थाने- दिल्ली की आबादी जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है।  बेहतर कानून व्यवस्था बढ़ाने के लिए दिल्ली पुलिस को नए थाने खोलने पड़ रहे हैं. कई इलाकों में जमीन न मिल पाने के कारण वह किराए की इमारत में चल रहे हैं।

 ऐसी इमारतों में सुविधाओं का घोर अभाव रहता है. इसके साथ ही महिला पुलिसकर्मियों को सर्वाधिक परेशानी उठानी पड़ती है. पुलिस विभाग को किराए पर भारी खर्च करना पड़ता है।

 12 थाने किराए के इमारतों में चल रहे हैं 

 एक रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कि  दिल्ली के 12 थाने किराए के इमारतों में चल रहे हैं. इनमें से कई थानों को खुले हुए 15 साल से ज्यादा का समय हो चुका है।

 लेकिन उन्हें अभी तक जमीन नहीं मिल पाई है. पुलिस अधिकारी के मुताबिक सरकारी विभागों में तालमेल के अभाव के कारण ऐसा हो रहा है.

 सफलता नहीं मिल पा रही है 

 जमीन लेने के लिए पुलिस विभाग  डीडीए व एमसीडी साथ ही दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग से ग्राम सभा और कृषि भूमि की जमीन के लिए कई सालों से चक्कर काट रहा है।

 लेकिन आपको बताना चाहते हैं कि  सफलता नहीं मिल पा रही है. जमीन नहीं मिलने पाने के कारण  बड़ी संख्या में ऐसे थाने भी है  जहां पर दो थाने  एक ही परिसर में चल रहे हैं.

मंडावली व मधु विहार थाने एक साथ

 उदाहरण के लिए मंडावली व मधु विहार थाने एक ही बिल्डिंग में चल रहे है। इसी तरह सरोजिनी नगर  व सफदरजंग एंक्लेव थाना एक ही परिसर में चल रहे हैं.

 हर साल दिल्ली पुलिस को मिलने वाले बजट में करोड़ों रुपए नए थानों के भवन निर्माण और पुलिसकर्मियों के  कॉलोनियों के लिए भी मिलते है. कुछ थानों को जमीन भी मिली है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. ऐसे में थाने पोर्टा केबिन में ही चल रहे हैं।

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Rohit Chelani

रोहित चेलानी सोनीपत से हैं, रोहित चेलानी मीडिया क्षेत्र मे 3 साल से हैं, इनको हिन्दी...