पैसों के लिए तरसा दिल्ली जल बोर्ड- दिल्ली जल बोर्ड में पैसों की कमी चलते हुए ट्यूबवेल लगाने की योजना फिर से अटक गई है। दिल्ली में दूसरे चरण में कुल मिलाकर 259 ट्यूबवेल लगवाए गए थे।
लेकिन अभी तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जल बोर्ड ने वित्त विभाग से पैसों के अतिरिक्त आवंटन की मांग की है। लेकिन अभी तक धन राशि नहीं मिल पाई है।
आरो प्लांट लगाने में भी देरी हो सकती है
अगर धनराशि नहीं मिली तो आरो प्लांट लगाने में भी देर हो सकती है. दिल्ली की आबादी के हिसाब से रोजाना 1200 एमजीडी से अधिक पानी की जरूरत पड़ती है.
फिलहाल जल बोर्ड की आपूर्ति क्षमता रोजाना 950 एमजीडी से अधिक है। दिल्ली में आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने नए ट्यूबवेल लगाने की योजना तैयार की थी.
94 ट्यूबवेल लगाए गए
पहले चरण में दिल्ली मे 94 ट्यूबवेल लगाकर 19 एमजीडी से अधिक पानी की उत्पादन क्षमता भी बढ़ाई गई। दूसरे चरण में 259 ट्यूबवेल लगाने की योजना है लेकिन पैसों की कमी सामने आ रही है।
जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया है कि जल बोर्ड के पास इस समय इतना पैसा नहीं है कि वह अपने रूटीन मरम्मत कार्य करवा सके. इसपर नई योजना को शुरू करना मुश्किल हो गया है.
एक बार फिर से योजना लटक गई
बताना चाहते हैं कि जल बोर्ड में पैसे की कमी होने की वजह से एक बार फिर से ट्यूबवेल लगाने की योजना अटक रही है. देश की राजधानी दिल्ली में दूसरे चरण में 259 ट्यूबवेल लगाए जाने थे.
लेकिन अभी तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जल विभाग ने वित्त विभाग से पैसो के अतिरिक्त आवंटन की मांग की है. लेकिन अभी तक धनराशि नहीं मिलने के कारण यह प्रक्रिया निविदा स्तर पर अटक गए हैं। अगर योजना अटकी रही तो आगे चलकर आरो प्लांट लगाने की योजना में देरी हो जाएगी।
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