चाइनीज मांझे पर बैन के बाद मार्केट में आया शीशे वाला देसी मांझा- स्वतंत्रता दिवस पर जहां देशभर में  भारत का झंडा लहरा कर  आजादी का जश्न मनाया जाता है. वहीं दूसरी तरफ इस दिन पतंगबाजी कंपटीशन भी देखने को मिलता है.

 चाइनीज मांझा का इस्तेमाल किया जाता था

 अभी तक पतंग उड़ाने के लिए  चाइनीज मांझा का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता था लेकिन अब  इस प्रतिबंध लगाने के बाद मांझा  की बिक्री में कमी हो गई है।

 लेकिन अब मार्केट में ऐसा देसी खतरनाक मांझा आया है जिसकी मदद से पतंग कटने के साथ साथ जिंदगी की डोर भी कट सकती है।

 15 अगस्त पर पतंग उड़ाई जाती है  

 दरअसल देश भर में 15 अगस्त के दिन  जमकर पतंग उड़ाई जाती है. हर कोई यही चाहता है कि उसकी पतंग हवा में देर तक उड़ती रहे और आसानी से कटे ना.

 इसीलिए चाइनीस मांझा पर प्रतिबंध लगाने के बाद शीशे और केमिकल से युक्त देसी मांझा का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह चाइनीस मांझा की तरह ही खतरनाक है.

 जानकारी के मुताबिक ऐसे खतरनाक  मांझा को नोएडा के हरौला, निठारी, बरोल, होशियारपुर, और सलारपुर गांव में काफी तेजी से बेचा जा रहा है.

 विक्रेता ने दिया अपना बयान

 विक्रेता का कहना है कि चाइनीज मांझा पर प्रतिबंध लगाने के बाद हिंदुस्तानी मांझा  काफी तेजी से बेचा जा रहा है. बताना चाहते हैं कि यूपी बरेली से  यह बाजार में पहुंच रहा है.

 चाइनीस मांझा नायलॉन, शीशा समेत कई केमिकल से बना होता है. यह टूटता नहीं है

 और जितना कस्ता जाता है उतना ही ज्यादा खतरनाक होता रहता है।

 जब कोई पतंग कटती है  या फिर टूटती है तो ऐसे में दो पहिया वाहन इसकी चपेट में आ जाते हैं। अब तक इसकी चपेट में जितने भी दो पहिया वाहन आए हैं  वह यहां तो  घायल हो चुके हैं या फिर मर चुके हैं। जानकारी पढ़ने के लिए धन्यवाद।

Rohit Chelani

रोहित चेलानी सोनीपत से हैं, रोहित चेलानी मीडिया क्षेत्र मे 3 साल से हैं, इनको हिन्दी...

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