ISRO जब भी कुछ करता है इसके प्रोजेक्ट पर पूरी दुनिया की नजर बनी रहती है। ऐसा नहीं है कि इसरो के पास बहुत ज्यादा शक्तिशाली तकनीक है । लेकिन हमारे जीनियस साइंटिस्ट की ताकत को हर कोई समझ चुका है।
एक बार फिर से इसरो ने एक नया कारनामा कर दिखाया है
Chandrayaan 3 (चंद्रयान-3) के EMI/EMC के टेस्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस पड़ाव को पार करने का आधिकारिक तौर पर एलान कर दिया गया है। स्पेस एजेंसी ने चंद्रयान-3 लैंडर इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक इंटरफेरेंस/इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी टेस्ट को अंजाम दिया है।
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3 दिन तक टेस्ट चला था
बताना चाहते हैं कि बेंगलुरु में 3 दिन तक यह टेस्ट चला था। लेकिन आखिरकार इसरो को सफलता हासिल हो गई। इसे भारत के मून मिशन की राह में बड़ी कामयाबी बताया गया है।

क्या है का यह टेस्ट
इसको समझने की कोशिश करें तो इसरो के अनुसार अंतरिक्ष व अन्य ग्रहों के माहौल में कृत्रिम उपग्रह यानी की सेटेलाइट ठीक तरीके से काम करती रहे कार्य क्षमता को जांचने के लिए इस प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं।
बताना चाहते हैं कि हर एक सेटेलाइट मिशन के लिए EMI/EMC टेस्ट होते रहते हैं। यही टेस्ट चंद्रयान थ्री लैंडर के लिए किया गया था। यह जानकारी अच्छी लगी है तो शेयर करें।