आर्मी से भगोड़ा घोषित होने के बाद बना टैक्सी ड्राइवर- हरियाणा के पानीपत पुलिस द्वारा पकड़े गए एटीएम उखाड़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का सरगना पंजाब के जिला पटियाला के गांव शादीपुर के रहने वाला सुखविंद्र 12वीं कक्षा पास है.
1997 में सेना में भर्ती हुआ था
यह शख्स 1997 में सेना में भर्ती हुआ था और 2001 में छुट्टी पर आने के बाद वापस नहीं गया था। सेना ने उसको भगोड़ा घोषित कर दिया था।
5 साल तक टैक्सी चलाई
आरोपी ने बाद में तकरीबन 5 साल तक टैक्सी चलाई. उसने कई साथियों के साथ 2017 में पानीपत के उरलाना कलां गांव समेत दो जगह एटीएम उखाड़ने के वारदात को अंजाम दिया.
पुलिस ने ढूंढ़ने में करी मेहनत
पुलिस की तकरीबन 12 सदस्य टीम ने दोषियों को पकड़ने के लिए 200 किलोमीटर के 500 सीसीटीवी कैमरा ढूंढ निकालें और 300 घंटे की फुटेज की जांच पड़ताल की.
2018 में दुबई चला गया था
एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि सुखविंद्र 2018 में दुबई चला गया था. यहाँ पर उसने फॉल सीलिंग का काम शुरू किया था.
लेकिन मुनाफा नहीं होने की वजह से वह 10 महीने बाद भारत आ गया था. उसने वापस आकर अपनी गैंग तैयार की। इसमें उन्होंने अपने छोटे भाई भूपेंद्र को भी शामिल किया था.
अन्य लोग भी शामिल हो गए
छोटे भाई भूपेंद्र के शामिल होने के बाद गैंग में पटियाला के गांव के कोल निवासी देवेंद्र और उसके भाई गुरमीत को भी शामिल किया.
आज की जानकारी में हमने जिस शख्स के बारे में बात की है उन्होंने आर्मी छोड़ने के बाद और भगोड़ा साबित होने के बाद टैक्सी ड्राइवर का काम किया।
उसके बाद एटीएम उखाड़ने के बाद दुबई चला गया. वापस आकर उसने अपनी गैंग बनाई. बताना चाहते हैं कि आज की तारीख में कई सारी खबरें इस प्रकार की आती रहती है. हमारी जानकारी पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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