दिल्ली छोटे अस्पताल होंगे ठीक बड़ों पर घटेगा बोझ- दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर बनाने के लिए छोटे अस्पतालों को ठीक किया जाएगा. इनमें पर्याप्त डॉक्टर नहीं होने की वजह से मरीज का बोझ बड़े अस्पतालों पर देखने को मिल रहा है।

 व्यवस्था हिलडूल जाती है   

 इसकी वजह से बड़े हॉस्पिटलों की व्यवस्था भी खराब हो जाती है।  इसके अलावा मरीजों को भी इलाज करवाने के लिए लंबा इंतजार  करना पड़ता है।

 अस्पतालों की व्यवस्था को देखते हुए दिल्ली के  lg वीके सक्सेना ने समीक्षा बैठक में विभाग को  डॉक्टर और कर्मियों के खाली पदों को तत्काल स्थाई तौर पर भरने का आदेश दिया गया है।

दिल्ली सरकार के 30 अस्पताल है

 आपको बताना चाहते हैं कि वर्तमान में दिल्ली सरकार के 30 अस्पताल है। इसके अलावा सोसाइटी के सहयोग से सरकार 8 अन्य  अस्पताल का संचालन कर रही है.

 इनमें कुछ नाम आते हैं जैसे की  जीबी पंत, गुरु नानक आई केयर सेंटर, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान और कुछ अन्य अस्पताल  सेवाएं प्रदान करते हैं।

 बड़े अस्पताल भी सेवाएं प्रदान करते हैं

 इसके अलावा लोक नायक, जीटीबी, डीडीयू के साथ-साथ कुछ बड़े अस्पताल भी सेवाएं प्रदान करते हैं। यही सेवाएं बाहरी दिल्ली इसके अलावा दूरदराज क्षेत्र में चल रहे  सरकार के अन्य छोटे अस्पतालों में मौजूद है.

 बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाता है

 डॉक्टर ना होने की वजह से मरीज को बड़े अस्पताल में रेफर किया जाता है. दिल्ली के बड़े अस्पतालों में हर दिन  तीन से 4000 मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं.

 छोटे अस्पतालों में मरीज की संख्या  एक से डेढ़ हजार की रहती है. विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे अस्पतालों में व्यवस्था सुधारने के बाद सुविधाएं बेहतर होगी।

 स्पेशल सेवाओं के लिए मरीजों को बड़े अस्पताल में 6 महीने से लेकर 1 साल तक  इंतजार करना पड़ेगा. हाल ही में लोकनायक ने  एक मरीज को  एमआरआई के लिए 3:15 साल की वेटिंग दी थी.

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Rohit Chelani

रोहित चेलानी सोनीपत से हैं, रोहित चेलानी मीडिया क्षेत्र मे 3 साल से हैं, इनको हिन्दी...

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