चूहे और मच्छरों के बीच कट रही कुलियों की रात- आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर कुलियो के लिए बने विश्रामगृह में चारों तरफ गंदगी जा का अंबार देखने को मिलता है। आलम यह है की जगह-जगह पर मच्छर और चूहें कुलियो के लिए मुसीबत बने हुए हैं।
हर साल दो यूनिफॉर्म दी जाती थी
आरोप लगाया जा रहा है कि पहले हर साल कुलियो को दो यूनिफॉर्म दी जाती थी। लेकिन कोविड़ के बाद कुलियो को यूनिफॉर्म नहीं दी गई है. ऐसे मे यूनिफॉर्म नहीं होने की वजह से कुलियो को ठंड मे कापना पड़ता है।
आनंद विहार रेलवे स्टेशन के कुली संगठन के अध्यक्ष हारून खान ने बताया कि कुलियो की हालत हर साल पहले के मुकाबले खराब होती जा रही हैं।
आराम करने के लिए जगह नहीं है
हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि कुलियो को आराम करने के लिए सही से जगह भी नहीं है. इसकी वजह से कुछ कुली खुले आसमान के नीचे सोने के लिए मजबूर हो चुके हैं.
बताना चाहते हैं कि स्टेशन पर कुलियो की संख्या 165 बताई जा रही है. वही विश्रामगृह में करीब 70 कुली के ठहरने की व्यवस्था है। बात यहीं तक नहीं है क्योंकि विश्रामगृह की हालत काफी ज्यादा खराब बताई जा रही हैं.
लोग परेशान हो चुके हैं
जगह-जगह पर गंदगी होने के साथ-साथ लोग मच्छर और चूहे के आतंक से डर की जिंदगी जी रहे हैं. कुली मुंशी खान ने बताया कि उन्हें कुली का काम करते हुए 30 साल हो चुके हैं.
लेकिन कुलियो के जीवन में आज तक आराम नहीं देखने को मिला है। हर साल महंगाई बढ़ती जा रही है लेकिन कुलियो की मजदूरी नहीं बढ़ाई जा रही है. आलम यह है कि पेट पालना मुश्किल हो गया है.
वहीं पर सो जाते हैं
प्लेटफार्म पर काम करने के बाद कुली वहीं पर सो जाते हैं। ऐसे में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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