दिल्ली के ये हैं 5 मकबरे यहां जाते ही इतिहास के पन्नों के में खो जाएंगे आप- देश की राजधानी दिल्ली एक ऐसा शहर है जहां पर आपको आधुनिकता और प्राचीनता का अनोखा संगम देखने को मिलता है. दिल्ली का अपना एक अलग इतिहास है जो कि इस शहर के वास्तु कला और धरोहर स्थलों में प्रकट होता है।
दिल्ली में कई सारे मकबरे भी है
बताना चाहते हैं कि देश की राजधानी दिल्ली में कई सारे मकबरे भी है जो आज भी इतिहास की कहानी बताते हैं। भारत के पहले मकबरे को हुमायु के मक़बरे के नाम से भी जाना जाता है।
बताना चाहते हैं कि हुमायूं का मकबरा हुमायूं की पत्नी शाहजहां के बेटे और अन्य प्रमुख मुगलों का अंतिम विश्राम स्थल है. निजामुद्दीन पूर्व में स्थित यह विश्व धरोहर अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है।
शाम को 5:30 बजे तक खुला रहता है
यह 30 एकड़ के बगीचे के केंद्रीय में स्थित है जिसे चारबाग के नाम से जाना जाता है. यह मकबरा सुबह 6:00 बजे से शाम के 5:30 बजे तक खुला रहता है।
दिल्ली में सबसे लोकप्रिय मक़बरों मे से एक सफदरजंग को अक्सर मुगल वास्तुकला के दीपक में आखिरी टिमटिमाते हुए दीपक के रूप में विवरण किया जाता है।
लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है
लोधी रोड पर स्थित यह मकबरा लाल बलुआ पत्थर और बफ पत्थर से बना हुआ है। यह हुमायूं के मकबरे की शैली मे बना हुआ है और एक ऊँची छत पर खड़ा हुआ है.
यह चारबाग शैली के बगीचे के केंद्र में स्थित है. और तालाबों और फव्वारों से सुसज्जित है. यह मकबरा सुबह 7:00 से शाम के 5:00 बजे तक खुला रहता है. दरिया खान लोहानी का मकबरा इस परिसर का एक हिस्सा है।
इसके अलावा आप चाहे तो लोधी मकबरा के साथ-साथ नजफ खान मकबरा भी देख सकते हैं। हमारी जानकारी पढ़ने के लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद.
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