मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है- मणिपुर में आदिवासी आंदोलन को लेकर हिंसा में अभी तक 52 से ज्यादा लोग मारे गए है। बुधवार को शुरू हुए मैतेई समुदाय के आंदोलन के विरोध में शुरू हुए एक प्रदर्शन ने आज हिंसा का रूप ले लिया है।
मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक आयोजित करवाई। बताना चाहते हैं कि राज्य में शांति व्यवस्था स्थापित करने की कमान सेना को सौंप दी गई है।
इलाकों में इंटरनेट बंद
कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं और 144 लागू की गई है। इसके अलावा जगह-जगह पर सेना को तैनात किया गया है।
कानून व्यवस्था सही पटरी पर आ रही है
शनिवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि अब चुराचांदपुर जिले में क़ानून व्यवस्था सही पटरी पर आ रही है। मामले से जुड़े लोगों से बातचीत करने के बाद अब कर्फ्यू में ढील दी जाएगी।
सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह का बयान
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि राज्य में अनुच्छेद 355 को लागू नहीं किया गया है। कुछ अराजक तत्व इस प्रकार की अफवाह फैलाने में लगे पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कानून को अपने हाथों में ले रखा है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें वह लोग भी शामिल होंगे जिन पर प्रशासन को संदेह है।
वही जो लोग फंसे पड़े हैं उन्हें एक समय सीमा के भीतर निकाल कर सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया जाएगा। अभी तक सरकार और पुलिस ने मरने वालों का सही आंकड़ा सामने पेश नहीं किया है.
शुक्रवार को मणिपुर के डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा कारणों की वजह से अभी तक आंकड़ों को जाहिर नहीं किया गया है।
चुराचांदपुर में भी शुक्रवार को 7 लोगों की मौत हुई थी। बताया जा रहा है कि यह लोग मैतेयी समुदाय के लोगों को निकालने में बाधा डाल रहे थे। इसके बाद सुरक्षाबलों ने गोली चला दी जिसमें कई लोग मारे गए।
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